JAMUI HUNT/ News Desk|  रौशनी से पटा विद्यालय परिसर, गीत-संगीत के धून पर थिरकते बच्चे और नृत्य की दमदार प्रस्तुतियों में  तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता विद्यालय परिसर…
शनिवार की संध्या को कुछ ऐसा ही दृश्य  गिद्धौर सेन्ट्रल स्कूल के 19वें वार्षिकोत्सव पर देखने को मिला, जहां स्कूली छात्र-छात्राओं ने गीत-संगीत और नृत्य की ऐसी समां बांधी कि सैकड़ों दर्शक भाव-विभोर हो गए।
वार्षिकोत्सव का उद्धघाटन राष्ट्रपति पुरुस्कार से सम्मानित पर्यावरणविद अर्जुन मंडल, थानाध्यक्ष रीता कुमारी,  जन शिक्षण संस्थान जमुई के निदेशक अंशुमान, एवं प्राइवेट स्कूल एसोशिएसन के पितामह व अध्यक्ष लक्ष्मण झा, पतसंडा पंचायत की मुखिया ललिता देवी , प्रो रामोवतार सिंह व विद्यालय निदेशक अमर सिंह द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम का आगाज़ स्वागत गान तथा गणेश वंदना के साथ हुई। जिसमें एक के बाद स्कूली बच्चों ने शिक्षा,समाजिक सदभाव एवं सांस्कृतिक विरासत से संबंधित गीत,एकल गायन, समूह नृत्य सहित कुल 34 प्रस्तुति देकर समारोह में उपस्थित तमाम दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर खूब तालियां बटोरी। जबकि छोटे बच्चों ने अपनी प्रस्तुति से कार्यक्रम में चार चांद लगाने में कोई कसर न छोड़ी।
आगत अतिथियों ने अपने संबोधन में कहा कि पढ़े-लिखे बच्चे ही शिक्षित समाज की संरचना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि समाज को बेटा बेटी में फर्क किए बगैर एक समान शिक्षा देने की जरूरत है। उन्होंने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की भी बात कहते हुए विद्यालय की भूरी भूरी प्रशंसा की।

कार्यक्रम की प्रस्तुति देते बच्चे           © JAMUI HUNT

वहीं, विद्यालय निदेशक अमर सिंह ने विद्यालय के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये लोगों के स्नेह और सहयोग का ही प्रतिफल है कि विद्यालय आज अपना 19वा स्थापना दिवस मना रहा है। उन्होंने सभी के प्रति आभार प्रकट किया।
इधर,  आयोजित इस वार्षिकोत्सव में विद्यालय शिक्षक आशीष गुप्ता एवं अभिषेक कुमार झा ने दमदार एंकरिंग से कार्यक्रम में गतिशीलता और तारतम्यता बनाए रखा। 
कार्यक्रम के सफल संचालन में विद्यालय शिक्षिका बबिता झा, अर्चना मिश्र, पिंकी प्रसाद,  आकांक्षा सिंह, कोमल कुमारी, शिक्षक रंजित कुमार, राकेश कुमार शर्मा, संदीप राउत, संत लाल, आदि ने अपना योगदान दिया। मौके पर स्थानीय बुद्धिजीवी वर्ग के अलावा सैंकड़ों संख्या में अभिभावक मौजूद रहे।

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