JAMUI HUNT / News Desk| विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, बिहार के अधीन राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक (Computer Science & Engineering) के फाइनल परिणाम (Final Result) घोषित कर दिए गए हैं। इसमें ई.विवेका नन्द झा (Er. Vivekanand Jha) ने टॉप 10 में जगह बनाई है।

विवेका नन्द झा एवं BPSC मेरिट लिस्ट © JAMUI HUNT

दरअसल, बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की विज्ञापन संख्या 07/2022 के परीक्षा फल में जारी मेधा सूची में विवेका नन्द झा ने मेरिट सीरियल (Merit Serial) 6 प्राप्त किए हैं। विवेका नन्द ने बताया कि, कुल 208 पदों पर नियुक्ति के अंतर्गत लिखित परीक्षा के आधार पर सफल घोषित 504 उम्मीदवारों के लिए साक्षात्कार (Interview) का आयोजन किया गया था। इंटरव्यू में कुल 439 उम्मीदवार उपस्थित हुए थे, इनमें अन्तिम रूप से 202 सहायक प्राध्यापक (Asisstant Professor) चयनित हुए हैं, जिनमें विवेका का नाम टॉप 10 की सूची में है।
        बता दें, विवेका ने मेट्रिक की परीक्षा वर्ष 2006 में गिद्धौर MCV हाई स्कूल व वर्ष 2008 में देवघर (Deoghar) स्थित ए एस कॉलेज (A. S. College) से इंटर की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने के बाद इन्होंने अपने केरियर को इंजिनियरिंग की ओर रुख किया और बी सी रॉय इंजीनियरिंग कॉलेज दुर्गापुर (BC Roy Engineering College, Durgapur) से बीटेक कम्प्यूटर साइंस में दाखिला लेकर एन आई टी दुर्गापुर से एमटेक तक शिक्षा प्राप्त की। विवेका की मां ललिता देवी एक कुशल गृहिणी, जबकि पिता पं. परमानंद झा गिद्धौर स्थित रावणेश्वर संस्कृत कॉलेज (Sanskrit College Gidhaur) में प्राध्यापक (स) हैं।
जानकारी अनुसार, नव नियुक्त सहायक प्राध्यापक विवेका मूल रूप से मधुबनी (Madhubani) जिले अंतर्गत तरडीहा (Tardiha) गांव के निवासी हैं। इनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि भी शिक्षा पर ही केंद्रित रही है। विवेका की बहन कुमारी कंचन चकाई (Chakai) प्रखंड स्थित प्रोजेक्ट कन्या हाई स्कूल में शिक्षिका हैं, वहीं इनके भाई कृष्णा नन्द झा अहमदाबाद के मेट्रो (Ahmadabad Metro) में इंजिनियर हैं।

विवेकानन्द के माता-पिता ©JAMUI HUNT

इधर, विवेका के इस उपलब्धि पर परिजनों ने हर्ष व्यक्त करते हुए बताया कि , बाल्यकाल से ही विवेका पढ़ाई के प्रति संवेदनशील व दृढ़ संकल्पित रहे हैं।  वहीं, युवाओं के नाम संदेश देते हुए विवेका ने बताया कि, प्रतिस्पर्था के दौड़ में प्रतियोगी परीक्षाओं का भी दौर बदल गया है, ऐसे में युवाओं को कड़ी मेहनत के साथ लक्ष्य प्राप्ति के लिए निष्ठा और तन्मयता की जरूरत है। विवेका ने बताया कि, मेहनत की चाभी से ही सफलता के द्वार खुलते हैं, बिना मेहनत और लग्न के सफलता की कल्पना व्यर्थ है।

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