JAMUI HUNT / NEWS DESK | धन , वैभव व यश की देवी मां महालक्ष्मी ने गिद्धौर के दहलीज़ पर दस्तक दे दी है। आश्विन शुक्ल पूर्णिमा तिथि की संध्या बेला में मां लक्ष्मी की पूजा को ले प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कर देवघर के विद्धान पंडितों के द्वारा पुरे विधि व नियम निष्ठा के साथ कराने की परंपरा सदियों से चली आ रही है ।
बता दे, बंगाल राज्य में जिस तरह मां लख्खी की पूजा सदियों से कराई जा रही है। इसी प्रकार गिद्धौर चंदेल राजवंश के शासकों द्वारा अपने राज्य के आम अवाम के सुख समृद्धि के लिये बंगाल के इस पूजा का हिन्दी रूपांतरण मां लक्ष्मी की पूजा सदियों से गिद्धौर के ऐतिहासिक दुर्गा मंदिर में करायी जाती है। ऐसी मान्यता है कि , इस मंदिर में स्थापित लक्ष्मी मां की जो भक्त सच्चे हदय से पूजा अर्चना करता है, मां महालक्ष्मी उनकी झोली धन धान्य से भर देती है ।